बदौसा में सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा, दुकानों से किराया वसूली का आरोप
संघर्ष समिति ने लोकायुक्त से की कठोर कार्रवाई की मांग

बदौसा(बांदा)। बांदा जिले की अतर्रा तहसील के बदौसा में सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा और दुकानों से किराया वसूली का मामला गरमा गया है। इस प्रकरण पर ब्लॉक बनाओ संघर्ष समिति ने लोकायुक्त उत्तर प्रदेश जस्टिस संजय मिश्रा को ईमेल भेजकर आरोपियों और संरक्षण देने वाले अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है।
संघर्ष समिति के संयोजक संतोष कुशवाहा ने लोकायुक्त को अवगत कराया कि बदौसा को नवसृजित ब्लॉक घोषित किए जाने के बाद भूमि चयन की प्रक्रिया शुरू हुई। इस दौरान अतर्रा के एसडीएम राहुल द्विवेदी ने शासन को यह रिपोर्ट दी कि कस्बे में उपयुक्त सरकारी भूमि उपलब्ध नहीं है। लेकिन तहसीलदार की जांच में सामने आया कि बदौसा व मौजा बरछा में लगभग 1.746 हेक्टेयर सरकारी भूमि रिक्त है, जिस पर ब्लॉक कार्यालय का निर्माण संभव है।
शिकायत में आरोप लगाया गया है कि डॉ. विजय पांडेय, प्रबंधक स्व. कामता प्रसाद शास्त्री महाविद्यालय व अन्य शिक्षण संस्थानों, ने राजस्व अधिकारियों की मिलीभगत से इस भूमि पर कब्जा कर दुकानों का निर्माण कराया है और उन्हें किराए पर देकर आर्थिक लाभ कमा रहे हैं। इतना ही नहीं, पुराने तहसील भवन को भी बिना अनुमति गिरा दिया गया।
संघर्ष समिति का कहना है कि एसडीएम अतर्रा ने शासन को गुमराह कर कब्जाधारियों को संरक्षण दिया। पी.पी. एक्ट के तहत सात दिन में कार्रवाई का प्रावधान होने के बावजूद अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया है।
समिति ने लोकायुक्त से मांग की है कि डॉ. विजय पांडेय और उनकी समिति के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज कर दंडात्मक कार्रवाई हो। साथ ही, एसडीएम की भूमिका की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए और कब्जा मुक्त कर सरकारी भूमि को बदौसा ब्लॉक कार्यालय के लिए उपलब्ध कराया जाए।
स्थानीय नागरिकों भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के जिला उपाध्यक्ष शिव प्रसाद उर्फ शिवा, नगर अध्यक्ष बदौसा विजय यादव, सुनील उपाध्याय, ब्लॉक बनाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष राजस निषाद, दयानंद गुप्ता, रविशंकर गुप्ता, चंद्रपाल शर्मा, लक्ष्मी नारायण सोनकर, बाबूराम सोनकर, रज्जू वर्मा, हरिओम सोनकर, नीरज गुप्ता व अन्य शामिल हैं। ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई तो वे बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।




