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सरदार पटेल की जयंती पर जेडीयू ने बांदा से दी राष्ट्रीय एकता और सुशासन की पुकार

लौहपुरुष के आदर्शों पर चलने का संकल्प — जनसेवा, निष्ठा और नैतिक राजनीति को बताया सच्चा राष्ट्रधर्म

सरदार पटेल की जयंती पर जेडीयू ने बांदा से दी राष्ट्रीय एकता और सुशासन की पुकार

 

बांदा -लौहपुरुष के आदर्शों पर चलने का संकल्प, जनसेवा को राजनीति का मूल बताया

संवाददाता-पूरन राय बांदा

बांदा। भारत के प्रथम गृह मंत्री और लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने आज राष्ट्र को एकता, निष्ठा और जनसेवा का सशक्त संदेश दिया। बांदा के इंदिरा नगर स्थित जनता का यूनाइटेड कार्यालय में आयोजित इस विशेष कार्यक्रम ने यह साबित किया कि सरदार पटेल के आदर्श आज भी भारतीय राजनीति की आत्मा में जीवित हैं। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि जेडीयू महिला प्रकोष्ठ उत्तर प्रदेश की प्रदेश सचिव गरिमा सिंह पटेल रहीं। उन्होंने कहा कि “भारत की आज़ादी सिर्फ एक ऐतिहासिक घटना नहीं थी, बल्कि एक चेतना थी जिसे सरदार पटेल ने राष्ट्र की एकता में ढाला। आज जब विभाजनकारी राजनीति समाज को तोड़ने की कोशिश कर रही है, तब पटेल के सिद्धांतों को फिर से जीवित करना हमारी जिम्मेदारी है।” विशिष्ट अतिथि पिंकी प्रजापति, जिला अध्यक्ष, महिला प्रकोष्ठ, जेडीयू ने कहा कि “सरदार पटेल ने जिस लौह इच्छाशक्ति से देश को जोड़ा, उसी भावना से हमें समाज और संगठन को एक सूत्र में बाँधना होगा। एकता और सेवा ही सच्ची राजनीति की नींव है।” कार्यक्रम की अध्यक्षता काशी प्रसाद याज्ञिक, जिला अध्यक्ष (नगर विकास प्रकोष्ठ, जेडीयू) ने की। उन्होंने कहा कि “सरदार पटेल की राजनीतिक दृष्टि आज भी शासन और प्रशासन के लिए मार्गदर्शक है। उन्होंने बताया था कि मजबूत राष्ट्र वही है जहाँ जनसेवा, अनुशासन और नैतिकता को सर्वोच्च स्थान मिले।” कार्यक्रम में राजाराम राही (जिला उपाध्यक्ष, जेडीयू), शालिनी सविता (जिला सचिव, जेडीयू), हरीराज पटेल (जिला सचिव, युवा प्रकोष्ठ), मनीष पटेल, डॉ. शियल भारती, चुन्नू लाल और प्रजापति समेत अनेक वरिष्ठ कार्यकर्ता मौजूद रहे। सभी ने सरदार पटेल की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए और “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” के नारे के साथ राष्ट्र की एकता को मजबूत करने का संकल्प दोहराया। गरिमा सिंह पटेल ने आगे कहा कि जेडीयू समाज के उस वर्ग तक न्याय और सम्मान की आवाज़ पहुँचा रही है, जिसे अक्सर मुख्यधारा से अलग कर दिया जाता है। उन्होंने महिला सशक्तिकरण और सामाजिक न्याय को पटेल की विरासत का हिस्सा बताया। काशी प्रसाद याज्ञिक ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि जेडीयू कार्यकर्ता केवल राजनीतिक बदलाव के नहीं, बल्कि “नैतिक परिवर्तन के वाहक” हैं। उन्होंने कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे सरदार पटेल की तरह निडरता और ईमानदारी से जनहित में कार्य करें। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान और सामूहिक संकल्प के साथ हुआ। उपस्थित कार्यकर्ताओं ने कहा कि जब तक देश में अन्याय, भ्रष्टाचार और विभाजन की राजनीति रहेगी, तब तक पटेल का आदर्श ही भारत को एक सूत्र में बाँधने का मार्ग दिखाता रहेगा।

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