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गांव के भविष्य पर मंडरा रहा खतरा – खदान के विरोध में श्रीधर भाई कर रहे हैं नेतृत्व

ग्रामीणों से अपील – हरियाली और जल स्रोतों को बचाने के लिए एकजुट हों, नहीं तो आने वाला समय भयावह होगा

 

गांव में प्रस्तावित खदान को लेकर विरोध तेज हो गया है। श्रीधर भाई, जो स्थानीय पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता हैं, गांव के सुरक्षित भविष्य और खुशहाल जीवन के लिए लगातार आवाज उठा रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि यह खदान और क्रेशर गांव के पर्यावरण, जल स्रोत और खेती के लिए खतरे की घंटी है।

श्रीधर भाई का कहना है कि कुछ लोग दबाव में आकर खदान का समर्थन कर रहे हैं, लेकिन यह समर्थन गांव वालों के जीवन को दांव पर लगाने जैसा है। उन्होंने सवाल उठाया:

“जो लोग कहते हैं कि खदान से नुकसान नहीं, बल्कि फायदे हैं, उन्हें सोचना चाहिए कि अगर वे जनता का हित चाहते हैं तो और रोजगार के विकल्प क्यों नहीं लाते?”

उन्होंने चेतावनी दी कि जहां-जहां खदानें और क्रेशर चले हैं, वहां लोगों का जीवन दूभर हो गया है।

जमीन बंजर,

पानी प्रदूषित,और हवा में धूल व रसायनों से फैली बीमारियां** आम हो गईं।**

 खदान से संभावित खतरे:

भूमिगत जलस्तर गिरकर पीने योग्य पानी खत्म हो जाएगा।

पानी में विस्फोटक रसायन घुलकर उसे जहरीला बना देंगे।

खेती असंभव हो जाएगी, सिंचाई ठप पड़ जाएगी।

 टीबी, अस्थमा, किडनी और लिवर की गंभीर बीमारियां हर घर में होंगी।

 श्रीधर भाई ने कहा:“आज चुप रहना या खदान के पक्ष में जाना कुल्हाड़ी पर पैर मारने जैसा है। मतभेद भूलकर गांव के भविष्य और हरियाली को बचाने के लिए सभी को एकजुट होना होगा।”

 उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे फैसले ग्रामवासियों के हाथ में हैं। अगर समय रहते आवाज नहीं उठाई, तो भविष्य में कोई भी आकर यह नहीं कहेगा कि वह आपकी समस्याओं की जिम्मेदारी लेगा।

 अंत में उन्होंने ग्राम देवी आलोपी माता से प्रार्थना की कि गांव सुरक्षि

त और खुशहाल बना रहे।

सादर अपील।

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