
अतर्रा(बांदा)
उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (Food and Safety Department) विभाग की घोर लापरवाही सामने आई है। जहां देशभर में रक्षाबंधन के पर्व को लेकर खाद्य सामग्रियों की गुणवत्ता जांच के लिए विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं, वहीं बांदा का विभाग कुंभकर्णी नींद में सोया हुआ है। सूत्रों के अनुसार, विभाग की टीम ने कुछ समय पहले वसूली अभियान चलाया था, जिसके बाद से वह पूरी तरह निष्क्रिय हो चुकी है। इस निष्क्रियता का फायदा उठाकर जिले भर में नकली मावा और मिलावटी मिठाइयों का अवैध कारोबार तेजी से फल-फूल रहा है।
यह एक गंभीर आपराधिक मामला है, जहां जन स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। बांदा शहर से लेकर अतर्रा, बिसंडा बदौसा और नरैनी जैसे कस्बों में भी यही स्थिति है। अतर्रा में श्रीराम मिष्ठान भंडार समेत कई दुकानों पर खुलेआम गुणवत्ताहीन मिठाइयां बेची गईं। बिसंडा थाने के सामने एक मिष्ठान भंडार पर गंदगी और मिलावटी मिठाइयों का अंबार देखने को मिला। किसी भी दुकान पर खाद्य सुरक्षा विभाग की गाइडलाइन का पालन नहीं किया जा रहा था। मिठाइयां खुले में रखी थीं और सफाई का कोई इंतजाम नहीं था।
यह स्थिति तब और भी चिंताजनक हो जाती है जब त्योहार के समय मिठाइयों की मांग चरम पर होती है। ऐसे में मिलावटखोर इसका पूरा फायदा उठाते हैं। सवाल उठता है कि आखिर विभाग के अधिकारी क्यों मूकदर्शक बने हुए हैं? क्या विभाग का पेट भर चुका है या फिर उन्हें जन स्वास्थ्य की कोई परवाह नहीं है? यह सीधे तौर पर एक आपराधिक लापरवाही है, जिस पर तुरंत संज्ञान लिया जाना चाहिए। विभाग की इस निष्क्रियता के कारण हजारों लोग बीमार पड़ सकते हैं। इस मामले की उच्च स्तरीय जांच और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की जाती है।




