लखनऊ का चारबाग रेलवे स्टेशन मना रहा है अपनी 100वीं वर्षगांठ — भारतीय रेलवे की विरासत का स्वर्णिम अध्याय
HISTORICAL HISTORY

चारबाग रेलवे स्टेशन ने पूरे किए 100 साल: ऐतिहासिक धरोहर की शताब्दी यात्रा
लखनऊ का चारबाग रेलवे स्टेशन मना रहा है अपनी 100वीं वर्षगांठ — भारतीय रेलवे की विरासत का स्वर्णिम अध्याय
लखनऊ, 1 अगस्त 2025 —
उत्तर भारत के सबसे भव्य और ऐतिहासिक रेलवे स्टेशनों में से एक चारबाग रेलवे स्टेशन ने आज अपनी 100वीं वर्षगांठ पूरी कर ली है। यह स्टेशन भारतीय रेलवे की विरासत और वास्तुकला के अनमोल रत्नों में गिना जाता है।
चारबाग स्टेशन का निर्माण कार्य 1914 में नींव रखे जाने के बाद शुरू हुआ था और 1923 में निर्माण कार्य पूर्ण हुआ। इसके बाद 1 अगस्त 1925 को यह स्टेशन विधिवत रूप से चालू किया गया। इस ऐतिहासिक भवन का डिज़ाइन मशहूर ब्रिटिश आर्किटेक्ट जे.एच. हॉर्निमैन द्वारा तैयार किया गया था।
इस स्टेशन की वास्तुकला इतनी अद्भुत है कि जब ट्रेन प्लेटफॉर्म पर खड़ी होती है, तब बाहर खड़े व्यक्ति को ट्रेन की आवाज़ तक सुनाई नहीं देती। यह डिज़ाइन उस समय की इंजीनियरिंग और ध्वनि विज्ञान का बेहतरीन उदाहरण है।
चारबाग स्टेशन न सिर्फ एक ट्रांसपोर्ट हब है, बल्कि यह लखनऊ की संस्कृति, इतिहास और विरासत का जीता-जागता प्रतीक है। स्टेशन की दीवारों पर आज भी उस दौर के ऐतिहासिक तथ्य, चित्र और शिलालेख संजोए गए हैं, जो आने वाली पीढ़ियों को भारत की रेलवे संस्कृति से जोड़ते हैं।
चारबाग की सौ साल की यात्रा, न केवल लखनऊ के लिए, बल्कि पूरे भारत के लिए एक स्वर्णिम अध्याय है।
“शताब्दी वर्ष में चारबाग, भारतीय रेलवे को गौरव प्रदान करता इतिहास।”