
सोनीपत: हरियाणा के सोनीपत में गांव पुरखास राठी का युवा 20 वर्षीय जतिन अपने 85 वर्षीय दादा सूबेदार अतर सिंह के लिए हरिद्वार से कांवड़ लेने गया था. उसकी इच्छा थी कि अपने 85 वर्षीय दादा को घर पर गंगाजल से स्नान कराएगा. जतिन की यह इच्छा पूरी भी हो गई. लेकिन इसके बाद जतिन दुनिया को अलविदा कह गया. जतिन 12वीं की पढ़ाई पूरी कर विदेश जाने की तैयारी कर रहा था. विदेश में पढ़ाई करना भी उसका सपना था. जतिन ऑस्ट्रेलिया जाने वाला था और जाने से पहले ही वह इस दुनिया से चला गया.
पेन किलर ने किया किल!: जतिन के परिजनों ने बताया कि जतिन बीते साल भी 21 लीटर जल लेकर आया था. जतिन 51 लीटर कांवड़ लेकर इस बार आया था. शिवरात्रि के दिन गांव में जलाभिषेक किया, लेकिन वजन ज्यादा होने की वजह से उसके कंधे का मांस फटा और उसे बेहद दर्द होने लगा. जिसके बाद रास्ते में ही उसने पेन किलर दवा खा ली थी. यही पेनकिलर उसके लिए घातक साबित हो गई. दरअसल, इस पेन किलर खाने के बाद जतिन के लिवर और किडनी में इंफेक्शन हो गया. जिसके बाद 25 जुलाई को ही उसकी मौत हो गई. जतिन की मौत से पूरे गांव में शोक की लहर है.
लीवर-किडनी में इंफेक्शन : जतिन के चाचा राजेश राठी शिक्षक हैं, उन्होंने बताया कि 7 जुलाई को 51 लीटर कांवड़ लेकर हरिद्वार से चला था. 18 जुलाई को कराना पहुंचा, जहां वे जतिन से मिले. जतिन ने बताया कि कंधे में दर्द है. उसके बाद जतिन पेनकिलर लेकर आगे बढ़ा और अपनी कांवड़ यात्रा को पूरा किया. कंधे पर फकास्टर कराकर जतिन गांव तक पहुंचा. शिवरात्रि को जलाभिषेक किया. इसके बाद राजेश राठी उसे अस्पताल लेकर पहुंचे. अस्पताल में टेस्ट कराया तो रिपोर्ट में लिवर और किडनी में इंफेक्शन बताया गया.
ऑस्ट्रेलिया जाने वाला था जतिन: 24 जुलाई को जतिन को पानीपत के अस्पताल में दाखिल कराया गया. जहां 25 फरवरी को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.जतिन के सपने अधूरे रह गए. परिवार में शोक की लहर है. परिजनों ने बताया कि जतिन 12 की पढ़ाई पूरी कर ऑस्ट्रेलिया जाने वाला था. वहीं, जतिन के चाचा ने बाकी युवाओं से भी अपील की है, कि सोशल मीडिया और रील्स के चक्कर में न पड़ें. 1 ग्राम गंगाजल भई 1 हजार लीटर के बराबर ही है. कांवड़ को जितना उठा सको, उतना ही उठाकर लाएं.
सवाल ये उठता है आखिर भक्ति करने की ये सजा मिली।क्या भक्ति जान से भी प्यारी है?
इसीलिए हर काम करने से पहले सजग रहे।